जनोऽन्यसक्तः । अस्मत्कृते च परिशुष्यति काचिद् अन्या धिक् तां च तं च मदनं च इमां च मां च ॥ (अर्थ - मैं जिसका सतत चिन्तन करता हूँ वह (पिंगला) मेरे प्रति उदासीन...
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होता है। कोशिकाएँ सजीव होती हैं तथा वे सभी कार्य करती हैं, जिन्हें सजीव प्राणी करते हैं। इनका आकार अतिसूक्ष्म तथा आकृति गोलाकार, अंडाकार, स्तंभाकार, रोमकयुक्त...
36 KB (2,487 words) - 04:47, 26 March 2024
8किमी दूर यह नगर सेन्ट लॉरेन्स चर्च के लिए के लिए लोकप्रिय है। यह चर्च 1845 ई.में बना था। इस पवित्र स्थान पुरे विश्व से श्रद्धालु आते हैं। इस नगर में महालिंगेश्वर...
14 KB (801 words) - 00:58, 22 February 2023
नृत्य, गायन, व्याकरण, भाषा और ऐसी तमाम गतिविधियों के केन्द्र हैं जिनसे प्राणी के मन में आनंद का सागर हिलोरें लेने लगता है। हमारे अवतारों की तिथियाँ बड़े...
21 KB (1,636 words) - 08:20, 22 August 2023
जनोऽन्यसक्तः । अस्मत्कृते च परिशुष्यति काचिद् अन्या धिक् तां च तं च मदनं च इमां च मां च ॥ ( अर्थ - मैं जिसका सतत चिन्तन करता हूँ वह (पिंगला) मेरे प्रति उदासीन...
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देत खवाय, तो कै करि द्वारत सोच में पैठो माधौ भनै नित मैल छुड़ावत, खाल खँचै इमि जात है ऐंठो मूछ मुड़ाय कै, मूड़ घोटाय कै, फस्द खोलाय, तुला चढ़ि बैठो।। वर्तमान...
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तो ] शक मनिस ४ वियकमित्र अप्रचरजस ५ विजय [ मित्रेण !...पते प्रदिथविदे ६. इमे शरिर पलुग भुद्रओ न सकरे अत्रित स शरिअत्रि कलदरेन शो न पिंडोयकेयि पित्रि ग्रिणयत्रि...
30 KB (1,498 words) - 19:53, 21 March 2024
को अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान". 4 जुलाई 2017. अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2017. “ईमाँ मुझे खैंचे है तो रोके है मुझे कुफ्र”, हाशिया ब्लॉग पर "'पगहा जोरी जोरी रे...
15 KB (909 words) - 05:47, 1 September 2020
झाओ (45-116) ने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ लिखे। कोरिया में,इम युंजीडांगो(1721-93) प्रबुद्ध मध्य-चुसन युग के दौरान सबसे उल्लेखनीय महिला दार्शनिकों...
156 KB (10,038 words) - 20:54, 16 May 2024
जगहों पर रूकती है। काफी संख्या में बस लाइनें फ्रैंकफर्ट सार्वजनिक परिवहन प्राणी को परिपूर्ण बनाती है। रात की बसें यू-बान और ट्राम 1:30 से 3:30 पूर्वाह्न...
149 KB (9,031 words) - 19:55, 3 September 2023
प्रयोग सफल और उपयोगी सिद्ध हुए हैं। विवाह दो आत्माओं का पवित्र बन्धन है। दो प्राणी अपने अलग-अलग अस्तित्वों को समाप्त कर एक सम्मिलित इकाई का निर्माण करते हैं।...
145 KB (10,004 words) - 16:45, 10 March 2024
अनीशो वा कुर्याद् भुवनजनने कः परिकरो। यतो मन्दास्त्वां प्रत्यमरवर संशेरत इमे।। ६।। भावार्थ: हे प्रभु, आपके बिना ये सब लोक (सप्त लोक – भू: भुव: स्व: मह:...
60 KB (3,776 words) - 08:15, 17 September 2023
देत खवाय, तो कै करि द्वारत सोच में पैठो माधौ भनै नित मैल छुड़ावत, खाल खँचै इमि जात है ऐंठो मूछ मुड़ाय कै, मूड़ घोटाय कै, फस्द खोलाय, तुला चढ़ि बैठो।। वर्तमान...
58 KB (4,114 words) - 05:04, 6 May 2021
लोगों की धारणा है कि सुकृत्यों एवं दुष्कृत्यों के फलस्वरूप शरीर के अतिरिक्त प्राणी का विद्यमानांश क्रम से स्वर्ग एवं नरक में जाता है। कुछ लोग आवागमन एवं पुनर्जन्म...
201 KB (14,712 words) - 10:00, 16 November 2023
दी है। १. केशव सब कबियन में मीरा, ज्यों मुतियन में हीरा। मिसरी सी निसरी इमि, बानी बोले मोर पपीरा।। तुगं भूमि तप भूमि ओरछो, बसै बेतवा तीरा।। रामचन्द्रिका...
107 KB (7,333 words) - 18:50, 29 July 2022