• मात्सुओ बाशो (१६४४-१६९४) एक महान जापानी कवि थे जो हाइकु काव्य विधा के जनक माने जाते हैं। हाइकु कविता की लोकप्रियता और समृद्धि में उनका विशेष योगदान है।...
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  • रचना रेंगा अथवा इसके उत्तरोत्तर रेंकु के शुरुआती छंद को कहा जाता है। मात्सुओ बाशो (1644–1694) के समय से, होक्कु स्वतंत्र कविता के रूप में प्रतीत होने लगी...
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  • जिन्हें सामान्यत: बुसोन के नाम से जाना गया। इनकी तुलना महान जापानी कवि मात्सुओ बाशो और इस्सा से की जाती है। योसा का मूल नाम तानिगुचि बुसोन था। डॉ॰ अंजली...
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  • सबका दर्पण है।" हाइकु को काव्य विधा के रूप में बाशो (१६४४-१६९४) ने प्रतिष्ठा प्रदान की। हाइकु मात्सुओ बाशो के हाथों संवरकर १७ वीं शताब्दी में जीवन के दर्शन...
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  • हाइकु का सम्मिश्रण है जो कि एक यात्रा विवरण के रूप में लिखा जाता हैं। मात्सुओ बाशो, जो एक संत और हाइकु कवि थे, इस लेखन शैली के आरम्भ कर्ता हैं। उन्होंने...
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  • The Tale of the Heike (1371)[उद्धरण चाहिए] Ihara Saikaku (1642–1693) मात्सुओ बाशो (1644–1694) Chikamatsu Monzaemon (1653–1725) Ueda Akinari (1734–1809)...
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  • पुराना काव्य संकलन है। हाइकु जापान की प्रसिद्ध काव्य विधा रही है तथा मात्सुओ बाशो जापानी हाइकु कविता के प्रसिद्ध कवि हैं। जापान की 96 प्रतिशत जनता बौद्ध...
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  • करता है और अधिक संघों को उद्घाटित करता है। " 圣" के नाम से प्रसिद्ध गायक मात्सुओ बाशो द्वारा लिखित " ओयू झी शी डाओ "। एडो कैसल से गिफू तक की यात्रा के दौरान...
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