रस (आयुर्वेद)
दीपक और संशोधक माना गया है; तिक्त रस रूचिकर और दिप्तिवर्धक माना गया है; ओर
कपाय
रस संग्राहक और मल, मूत्र तथा श्लेष्मा आदि को रोकनेवाला माना गया है। न्यायदर्शन...
4 KB (329 words) - 13:56, 16 May 2020